Tuesday, August 19, 2025
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माता-पिता के प्रति शिष्टाचार …,

!! 🚩श्रुतम्-1539🚩 !!

युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास कृष्ण पक्ष दशमी

शुक्रवार 24 जनवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो …! 🕉

नागरिक कर्तव्य एवं शिष्टाचार – 49
घर में शिष्टाचार – 11

माता-पिता के प्रति शिष्टाचार

  • यदि माता-पिता अत्यधिक वृद्ध अथवा लाचार हैं, तब उनका विशेष ख्याल रखना भगवान् की सेवा के समान होता है, जीवन में मातृ-पितृ ऋण सर्वप्रथम एवँ सबसे बड़ा ऋण होता है …!
  • घर से दूर रहकर कार्यरत बेटे-बेटियों का यह कर्तव्य है कि वे दूर रहने वाले माता-पिता का पूरा ख्याल रखें, नित्यप्रति उनसे बातचीत करना तथा समय-समय पर घर आते रहना चाहिए …!
  • पुत्रियों और पुत्रों में कोई अंतर नहीं, अतः पुत्र हो अथवा पुत्री-दोनों को अपने माता-पिता का पूर्ण ध्यान रखना चाहिए …!
  • यदि किन्हीं माता-पिता के पुत्र न हों, तब पुत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, उनका कर्तव्य है कि विवाहोपरांत भी अपने माता-पिता की समुचित देखभाल करें, उनसे समय-समय पर संवाद करते रहना चाहिए …!

इस तरह संतान का माता-पिता के प्रति उचित शिष्टाचार उन्हें न केवल संस्कारित करता है, वरन् एक दैवीय प्रसन्नता और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है, परिणामस्वरूप हम जीवन में सम्यक उन्नति करते हैं …!

👏🪷🚩🌹🙏🌹🚩🪷👏

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