!! 🚩श्रुतम्-1558🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा बुधवार 12 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…! 🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 18
महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 18
2025 महाकुंभ का महत्व:
वर्ष 2025 का महाकुंभ मात्र एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो ज्योतिषीय संरेखण से गहराई से जुड़ी हुई है, इसे एक असाधारण समय माना जाता है, जब ब्रह्मांड आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए संरेखित होता है, जिससे प्रयागराज ज्ञान और मोक्ष की खोज करने वाले भक्तों के लिए केंद्र बिंदु बन जाता है…!
यह महाकुंभ विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को सहज ही एक साथ लाता है, सांप्रदायिक सद्भाव और साझा भक्ति को बढ़ावा देता है, यह जाति, पंथ और राष्ट्रीयता की सीमाओं को पार करते हुए आध्यात्मिक चर्चा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामूहिक आत्मनिरीक्षण के लिए एक मंच के रूप में उपयोगी बन जाता है…!
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