NEWS: अत्यंत ही हर्ष के साथ सूचित किया जाता हैं कि अभी कुछ समय पहले ही रतलाम में रसोईया श्रमजीवी कल्याण समिति के अध्यक्ष पद पर वीरों की धरती मेवाड़ में कानपुरा निवासी आदरणीय साँवरमल जी तिवारी सिखवाल चुनावी प्रक्रिया से अध्यक्ष चयनित हुए…!
साँवरमल जी तिवारी सिखवाल के अध्यक्ष पद संभालने के कुछ ही दिनों में आपके द्वारा किये गये चुनावी वादों के अनुसार हलवाई श्रमजीवी कल्याण समिति के सदस्यों तथा रतलाम तथा आसपास में सिखवाल समाज के रसोई लाइन में काम करने वाले समाज बँधुओं के लिए लगभग 5,50,000,00/- साढ़े पाँच करोड़ से भी अधिक राशि का बीमा करवा चुके हैं, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 11 से 15 करोड़ की राशि तक बीमा करवाने का इन्होंने लक्ष्य रखा हैम, यह केवल हलवाइयों के लिए ही नही समाज के युवाओं के हित में बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो अपना घर-परिवार छोड़ कर परदेश में रोजी-रोटी की जुगाड़ में लगे हुए हैं, श्रीमान जी ने बहुत ही कम समय में मेहनत और लगन से संगठन के सदस्यों के साथ-साथ समाज और परिवार के लोगों को भी अनावश्यक अकस्मात घटित होने वाली घटनाओं से राहत प्रदान करने के लिए बीमा करवाया यह महत्वपूर्ण कदम है…!
किसी ने क्या खूब कहा हैं
होनहार बिरबान के होत हैं चिकने पात
सिखवाल समाज के सुप्रसिद्ध कवि भाग्यनगर हैदराबाद निवासी आदरणीय भँवरलाल जी व्यास (RBI) “भँवर” कहा करते हैं,
खाली बातां सु पेट नी भरिजे,
भूखों पतिजे धायाँ सूं…!
याने की केवल बातें करने से पेट नही भरता, पेट केवल रोटी से भरता हैं…!
फर्जी घोषणाएँ कर किसी भी संगठन को मूर्ख बनाने वाले पदाधिकारीगण केवल सहयोग राशि से आनंद लेकर अपनी पीठ थपथपाने से समाज सेवक नही कहलाते, उसके लिए दृढ़ निश्चय और ईमानदारी से सेवा करनी पड़ती हैं…!
साँवरमल जी तिवारी सिखवाल को इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बहुत-बहुत बधाई ढेर सारी शुभकामनाएँ…!
आप इसी प्रकार निरंतर संगठन की सेवाएँ करते रहे है, राजनीतिक जीवन में भी आपने काफी अच्छे कदम उठा रखे हैं, और निरंतर सेवा देते रहते हैं…!
सोशल मीडिया से प्राप्त जानकरी के अनुसार रतलाम रसोइयाँ (हलवाई) श्रमजीवी कल्याण समिति के सभी सदस्य आदरणीय साँवर जी द्वारा दी जा रही इस प्रकार की सेवाओं से बहुत ही खुश हैं…!
समाज हित में और हलवाइयों के हित में आप द्वारा किये जा रहे कार्य ऐतिहासिक एवँ सदस्यों के लिए अत्यंत लाभदायक रहेंगे…!
आदरणीय साँवरमल जी तिवारी से सिखवाल समाज के उन संगठनों को जो अपने आपको सर्वोच्च संस्था कहने का दम भरते हैं और केवल फर्जी घोषणाएँ कर समाज को झूठे सपने दिखाते हैं, उन सभी से निवेदन हैं कि इनसे प्रेरणा लेकर स्वयँ के स्वार्थों को ताक पर रख कर समाजहित में कार्य करें, धर्मशालाएँ धरी की धरी रह जायेगी, आरामगाह में आराम करने से पहले ही चीर निद्रा में लीन हो जायेगे, लेकिन स्वस्थ, शिक्षित और संस्कारित समाज कँहा से लाओगे…?
इस विषय पर विचार करने की आवश्यकता हैं…!
पुनः एक बार कानपुरा निवासी आदरणीय साँवरमल जी तिवारी सिखवाल को कोटि-कोटि साधुवाद 👏
धन्यवाद👏
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