!! 🚩श्रुतम्-1554🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास शुक्ल पक्ष एकादशी शनिवार 8 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 14
महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 14
अर्ध कुम्भः “आधा कुम्भमेला”
अर्थ कुंभ जिसका अर्थ है “आधा कुंभ”, यह हर छह वर्ष में होता है और इसे चार पवित्र स्थलों में से दो पर आयोजित किया जाता है, हरिद्वार और प्रयागराज…!
पूर्ण कुंभ की तुलना में छोटे पैमाने पर होने के उपरांत अर्ध कुंभ भक्तों के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है…!
अर्ध कुंभ के दौरान लाखों तीर्थयात्री पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं, उनका मानना है कि यह कार्य उनके पापों का प्रक्षालन करता है, और आध्यात्मिक उत्थान को बढ़ावा देता है, इस आयोजन में जीवंत धार्मिक अनुष्ठान आध्यात्मिक सन्तों के प्रवचन और साधुओं (तपस्वीयों) के नेतृत्व में जुलूस भी सम्मिलित होते हैं, “आधा” कहे जाने के उपरांत “अर्ध कुंभ” एक पूर्ण आध्यात्मिक अनुभव है, जो ईश्वर से गहरा जुड़ाव प्रदान करता है…!
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