!! 🚩श्रुतम्-1555🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास शुक्ल पक्ष द्वादशी रविवार 9 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 15
महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 15
पूर्ण कुंभः “पूर्ण कुंभ” मेला
पूर्ण कुंभ या “पूर्ण कुंभ मेला” प्रत्येक बारह वर्ष में चार पवित्र स्थलों: हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में से एक पर मनाया जाता है, यह अर्ध कुंभ से बड़े पैमाने का और महत्व का होता है, जो दुनियाँ भर से लाखों तीर्थयात्रियों को आने के लिए आकर्षित करता है…!
पूर्ण कुंभ बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा के आकाशीय संरेखण में गहराई से निहित है, जो त्योहार के समय को निर्धारित करता है, यह ज्योतिषीय संबंध इस आयोजन की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे भक्तों के लिए आशीर्वाद और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करने का यह एक शुभ समय बन जाता है…!
पूर्ण कुंभ की विशेषता भव्य शोभा यात्राएँ, सामूहिक स्नान, अनुष्ठान और आध्यात्मिक सन्तों का अभिसरण है, जो भक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का बहुरूप दर्शक प्रस्तुत करता है…!
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