ARTICLES/DHARM: जब कोई पूछता है कि महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु कैसे मारा गया, तो अधिकांश लोगो के पास सिर्फ दो ही उत्तर होते है …!
1. अर्जुन जब चक्रव्यूह को तोडने का भेद बता रहे थे, तो उसकी गर्भवती माँ सो गई थी, और गर्भ में पल रहे अभिमन्यू को चक्रव्यूह तोडने का पूरा भेद नही पता चल सका …!
2. अभिमन्यु चक्रव्यूह के सात में से छः द्वार तोड चुका था, लेकिन पांडव समय पर नही पहुंच पाये और निहत्थे अभिमन्यु को घेर कर कौरवों ने मार दिया …!
लेकिन क्या आप अभिमन्यु की वीर गति का असली कारण जानते है …?
महाभारत के युद्ध में कौरवों की वह कुटिल चाल, जिस सोची समझी साजिश के तहत कौरवों की सेना द्वारा अर्जुन को युद्ध भूमि से बहुत दूर ले जाया गया, जिसकी वजह से अर्जुन के वापस लौटने में बहुत देर हो गई …!
कल्पना किजिए कि अगर युद्ध भूमि में अर्जुन होता तो क्या अभिमन्यु को चक्रव्यूह भेदने की जरूरत पडती …?
क्या अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने के दौरान वीर गति को प्राप्त होता …?
पूरे महाभारत में अर्जुन अकेला योद्धा था जो चक्रव्यूह को भेदना जानता था …!
आप जानते है सनातन धर्म की सभी वर्णो में हमेशा सिर्फ ब्राह्मणों पर ही क्यों हमला होता आया है …?
सनातन धर्म के दुश्मनों द्वारा सनातन धर्म से ब्राह्मणों को ही हमेशा पृथक करने का प्रयास क्यों होता है …?
क्यूँकि यह ब्राह्मण ही सनातन धर्म के अर्जुन है …!
अर्जुन के नही होने पर महाभारत के युद्ध को आसानी से जीता जा सकता था, उसी तरह सनातन से ब्राह्मणों को अलग करके सनातन धर्म को आसानी से खत्म किया जा सकता है, ये ब्राह्मण ही है जो अर्जुन की तरह हमारे अस्तित्व के युद्ध में सनातन और सनातन के हर वर्ग की रक्षा करते आ रहे है …!
आज इन्हे आरक्षण का कोई लाभ नही मिला है, और ना मिलता है, संख्या में भी ब्राह्मण बस मुट्ठी भर है, लेकिन सत्ता के शीर्ष पर आज ब्राह्मण बहुसंख्यक हैं, सरकार, संस्कार, प्रशासन, सेवा के साथ मिडिया जैसे हर क्षेत्र में आगे है, इसका एक ही कारण है ब्राह्मणों ने शिक्षा को अपना हथियार बनाया, सबसे ज्यादा शिक्षित वर्ग ब्राह्मण ही है …!
ब्राह्मण चाणक्य बने, सदगुरू शंकराचार्य बने, ब्राह्मण बाजीराव बने, लेकिन इन्होने कभी सत्ता को नही हथियाया, ना सत्ता का लालच दिखाया, सदैव सत्ता पर किसी और को बैठाकर सनातन और देश की सेवा ही करते रहे, देश और समाज को हमेशा सही मार्गदर्शन ही देते रहे …!
बाहरी आक्रांताओ ने जब भारत माता को लज्जित करने का प्रयास किया, तो यही ब्राह्मण देवता थे जो अपमान सह कर भी सनातन को जीवित रखा, जब तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय को जलाया जा रहा था, तो यही ब्राह्मण थे जिन्होने सभी ग्रंथो के ज्ञान को कंठस्थ कर अपने मस्तिष्क में सहेज और संजो कर रखा था …!
यही ब्राह्मण पंडित बन कर तब भी और आज भी पूजा पाठ हवन करके आप के घरों को पवित्र करते हैं, पंचांग से भविष्य संवारते और यही पंडित समाज को जागरूक करने की अलख जगाये रखते हैं, यही ब्राह्मण पंडित बन कर विद्यार्थियो को शिक्षित करते और सनातन समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं, यही वैध बनकर गाँव घरों में अलग-अलग रोगों का इलाज करते और मनुष्यता को जीवन देते हैं, दार्शनिक बन समाज को जागरूक और एकजुट कर मार्गदर्शन करते थे कर रहे हैं …!
दुनियाँ भर को विज्ञान का आधार देने वाले यही ब्राह्मण थे, विज्ञान की मूल व प्रथम सीख इन्होने दी, चिकित्सा शास्त्र के जन्म दाता यही ब्राह्मण है, ये सनातन का आधार है, आधार पर प्रहार कर हिलाने पर इमारत गिर जाती है, इसलिए भी सनातन के दुश्मन ब्राह्मणों पर प्रहार करते रहते है, याद रखों महाभारत को जीतना है तो अर्जुन रूपी ब्राह्मण को युद्ध भूमि से दूर मत जाने दिजिए …!
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