Thursday, June 19, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_imgspot_imgspot_img

Related Posts

कभी भगवान की पीठ को न देखें और न ही प्रणाम या प्रार्थना करें…!

DHARAM: मंदिर में परिक्रमा लेते समय भगवान या देवी की पीठ को प्रणाम करने का चलन बहुत हो गया है…!

कहते हैं किसी भी भगवान या देवी देवताओं की पीठ को प्रणाम करने से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है…!

इसका प्रमाण भागवत कथा में एक प्रसंग में इस प्रकार बताया गया है कि जरासंध के साथ युद्ध के समय एक काल यवन नाम का राक्षस जरासंध की तरफ से युद्ध करने के लिए युद्ध स्थल में श्री कृष्ण भगवान जी से युद्ध करने आ गया…!

काल यवन भयानक राक्षस के अलावा सत्कर्म करने वाला भी था, श्रीकृष्ण भगवान इस राक्षस के वध के पहले इसके समस्त सत्कर्मों को नष्ट करना चाहते थे, सत्कर्म नष्ट होने से सिर्फ इस दुष्ट को दुष्टता के कर्मफल मिलें व उसका वध किया जा सके…!

इसलिये श्रीकृष्ण भगवान मैदान छोड़ कर भागने लग गये…!

भगवान आगे आगे राक्षस काल यवन पीछे-पीछे भाग रहे हैं…!

इससे राक्षस काल यवन को भगवान की पीठ दीखती रही और उसके सभी सत्कर्मों का नाश होता रहा…!

भगवान श्रीकृष्ण की इस युक्ति के पीछे यह राज था कि राक्षस काल यवन के अर्जित सत्कर्मों का नाश हो जाये, ताकि दुष्ट को दुष्टता का फल मिले
व उसे मारा जा सके…!

जब काल यवन के समस्त सत्कर्म भगवान श्रीकृष्ण के पीछे-पीछे दौड़कर पीठ देखने के कारण नष्ट हो गए, उसके बाद ही उसका वध संभव हो सका…!

इसलिए कृपया किसी मंदिर की फेरी परिक्रमा लेते समय देवी-देवताओं की पीठ को प्रणाम न करें, और न ही पीठ को देखें…!

बल्कि उनके सम्मुख हाथों को जोड़कर प्रार्थना-अर्चना व आराधना करें…!

इस अज्ञानता को खत्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सज्जनों तक यह कथा पहुँचाने में सहयोगी बने, ताकि सबके सत्कर्मों को क्षीण होने से बचाया जा सके…!

🙏श्री राम जय राम जय जय राम 🙏

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles