!! 🚩श्रुतम्-1565🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष षष्ठी बुधवार 19 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 25
भारत में अखाड़ों का इतिहास और संरचना – 7
9. वैष्णव अखाड़ा: यह बालानंद गैर शैव अखाड़ा 1595 ई. में दारागंज में स्थापित हुआ था, समय के साथ इसमें तीन संप्रदाय बन गए- निर्मोही, निर्वाणी और खाकी, इनका अखाड़ा त्र्यंबकेश्वर में मारुति मंदिर के पास था, 1848 ई. तक शाही स्नान त्र्यंबकेश्वर में ही होता था, लेकिन शैव और वैष्णव साधुओं के बीच इस बात को लेकर मतभेद हो गया कि पहले कौन स्नान करे, जिसके कारण श्रीमंत पेशवाजी को हस्तक्षेप करना पड़ा…!
10. उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा : इस संप्रदाय के संस्थापक श्री चंद्र आचार्य उदासीन हैं, इसमें सांप्रदायिक मतभेद हैं और इसमें बड़ी संख्या में उदासीन साधु, महंत और महामंडलेश्वर हैं, इनकी शाखाएँ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, त्रयंबकेश्वर, भदैनी, कनखल, साहेबगंज, मुल्तान, नेपाल और मद्रास में हैं…!
11. उदासीन नया अखाड़ाः इसकी स्थापना बड़ा उदासीन अखाड़े से अलग हुए कुछ साधुओं ने की थी और इसके संस्थापक महंत सुधीरदासजी थे, इसकी शाखाएँ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और त्र्यंबकेश्वर में हैं…!
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