Articles: अगर आप भी मां दुर्गा की पूजा के लिए घर पर कलश स्थापना करने जा रहे हैं, तो चलिए आज हम जानते हैं, कि चैत्र नवरात्रि में वास्तु के अनुसार घर पर कलश स्थापना के नियम क्या हैं…?

30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं, इस बार माँ दुर्गा गज पर सवार होकर आ रही हैं, ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार माँ दुर्गा की सवारी देश के लिए अच्छे शुभ अशुभ दोनों संकेत दे रही है, अगर आप भी माँ दुर्गा की पूजा के लिए घर पर कलश स्थापना करने जा रहे हैं तो चलिए आज हम जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि में वास्तु के अनुसार घर पर कलश स्थापना के नियम क्या हैं…?
साथ ही जानेंगे कि कलश की बाती कैसी होनी चाहिए…?
चैत्र नवरात्रि कब से कब हैं…?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है, समापन 6 अप्रैल 2025 को नवमीं तिथि यानी जवारे विसर्जन के साथ हो जाएगी…!
गज पर माँ दुर्गा की सवारी का क्या मतलब होता है…?
हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की सवारी के अलग-अलग अर्थ होते हैं, चूंकि माँ लक्ष्मी की सवारी गज यानी हाथी है, इस बार माँ दुर्गा गज यानी हाथी पर ही सवार होकर आ रही हैं, ऐसे में जब माँ दुर्गा की सवारी गज होता है तो इस वर्ष विभिन्न जातकों पर माँ लक्ष्मी की कृपा अधिक होती है, देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है…!
चैत्र नवरात्रि की तिथियाँ:
30 मार्च: प्रतिपदा तिथि
31 मार्च: द्वितीया तिथि
1 अप्रैल: तृतीया तिथि
2 अप्रैल: चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ
3 अप्रैल: छठ तिथि
4 अप्रैल: सप्तमी तिथि
5 अप्रैल: अष्टमी तिथि, महाष्टमी, दुर्गा अष्टमी
6 अप्रैल: जवारे विसर्जन, महानवमीं
कलश स्थापना के नियम:
- घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें…!
- इस पाटे पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ की फोटो रखें…!
- कलश स्थापना चौकी के ठीक सामने करें…!
- जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें…!
- इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें…!
किस दिशा में रखें दीपक:
कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए शास्त्रों के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं, इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए…!
भूलकर भी न करें ये काम:
शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए,
फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है, लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए…!
साभार: सोशल मीडिया