Thursday, June 19, 2025
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क्या होता हैं चौधरी का महत्व…,

Articles: चौधरी शब्द का मतलब होता है: प्रधान, मुखिया, आगेवान, रास्ता दिखाने वाला, या श्रेष्ठ…!

सभी समाजों में “चौधरी” या “पंच” एक सम्मान की उपाधि भी है, जो कि किसी भी गांव अथवा समाज में न्याय दिलाने का कार्य करता है तथा अन्याय से लड़ता है, अन्याय करने वालों को समाज की स्वीकृति से दण्डित करता हैं, चौधरी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है, चौधरी शब्द का इस्तेमाल किसी जाति, समाज, या मंडली के मुखिया के लिए भी किया जाता है, चौधरी एक सम्मान की उपाधि है, जो आमतौर पर वंशानुगत होती है, जिसकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप से हुई है, जिसमें उसी परिवार का वंशज पीढ़ी दर पीढ़ी चौधरी माना जाता हैं, चौधरी के लिए न तो कभी चुनाव होते हैं और न ही यह हस्तांतरित करने वाली पदवी हैं, परिवार के मुखिया के पश्चात उस परिवार का ज्येष्ठ पुत्र ही चौधरी पद का हकदार होता हैं तथा उसके पश्चात उसका पुत्र याने की किसी परिवार में चार भाई हो तो सभी चौधरी पद के दावेदार नही हो सकते, किन्ही अपरिहार्य कारणवश चौधरी उपस्थित न हो तो ऐसे समय में उस परिवार का कोई भी सदस्य यह दायित्व पूरा कर सकता हैं, मगर सामाजिक व्यवस्थाओं के लिए उचित निर्णय लेने या न लेने का अधिकार वास्तविक चौधरी को ही होता हैं, जो कि सकल समाज की उपस्थिति में सभी की सहमति से लिया जाता हैं, जिस तरह से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष संगठन का प्रतिनिधित्व तो कर सकता हैं, मगर कोई अहम निर्णय लेना हो तो संगठन के सभी सदस्यों की राय लेकर सर्वसम्मति से ही निर्णय ले सकता हैं, चौधरी शब्द संस्कृत से रूपांतरित है, मुगल शासन के दौरान भी यह प्रतिष्ठित लोगों को दी जाने वाली उपाधि थी, जबकि ब्रिटिश शासन के दौरान यह शब्द जमींदारों और समाज के प्रतिनिधियों से जुड़ा हुआ था ।
प्रत्येक सम्प्रदाय जाति या धर्म विशेष तथा कस्बों अथवा गांवों को जोड़ कर एक चौधरी मनोनीत किया जाता हैं, जो राजा महाराजाओं की तरह पीढ़ी दर पीढ़ी उसका निर्वाह करते रहते हैं, हर किसी के पास किसी को भी समाज का चौधरी नियुक्त करने का अधिकार नही होता हैं, पूर्वजों द्वारा यह भी सुना गया हैं कि समाज में जो लगातार बड़े आयोजन करते थे हमेशा समाजहितार्थ कार्य करते थे, धर्मरक्षक तथा निस्वार्थ, निष्काम भाव से सामाजिक योगदान देते थे, समाज के सभी लोग मिल कर उन्हें चौधरी के पद से सम्मानित करते थे…!

वर्तमान में इस पद की महत्वत्ता धीरे-धीरे शून्य होते जा रही हैं, जिसके अनेक कारण हैं जिस पर अभी चर्चा करना उपयुक्त समय नही हैं…!👏

👉 सुरेश कुमार व्यास “जानम” ✍️

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