ARTICLES: एक वकील साहब ने अपना कुआँ एक शिक्षक को बेच दिया, दो दिन बाद वकील साहब शिक्षक के पास आये और कहा: “सर, मैंने आपको कुआँ बेचा है, लेकिन इसमें भरा हुआ पानी नहीं बेचा, अगर आप उस पानी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको अतिरिक्त पैसे देने होंगे…!”
शिक्षक ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया: “हाँ, मैं आपके पास आने ही वाला था, मैं आपसे कहने ही वाला था कि आप अपना पानी मेरे कुएँ से निकाल लीजिए, नहीं तो आपको कल से कुएं में पानी रखने का किराया देना पड़ेगा…!”
यह सुनकर वकील साहब घबरा गये और बोला, “अरे, गुरुजी मैं तो मज़ाक कर रहा था…!”
शिक्षक हँसा और बोला: “बेटा तुम जैसे कितने ही बच्चों को मैंने पढ़ाकर वकील बनाया है…!
याद रखिये केवल डिग्रियाँ हासिल कर लेने से कोई गुरु नही हो जाता, गुरु बनने के लिए सामान्य ज्ञान भी आवश्यक है…!