जनता सब जानती हैं…,
मित्रों दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम से दिल्ली की जनता ने एक अद्भुत संदेश दिया हैं कि यह जनता सब जानती हैं, झूठ, फरेब, बेईमानी, धोखा इनका विरोध भले ही जनता ने कम किया हो, मगर चुनाव में ऐसी सरकार को निपटा कर यह संदेश दे दिया कि जनता सब जानती हैं, अवसर के अनुसार किये समझौते, फर्जी प्रवक्ताओं का प्रचार, परिवार के साथ खींची तस्वीरें यह सब धरे के धरे रह जाते हैं, पद के लोभी नेताओं द्वारा की हुई चाटुकारिता भरे गुणगान, जनता को दिखाए गये लोकलुभावन सपने, किसी चुनाव की जीत सुनिश्चित नही कर सकते, जनता कुछ दिन के लिए गूँगी बन सकती हैं, मगर अंधी और बहरी नही हैं, सब समझते हैं मगर समय का इंतजार करते हैं, फर्जी घोषणाओं से भले ही जनता को भृमित कर वाह-वाही लूटी जा सकती हैं मगर जनता से पैसे या वोट वसूल करना अब आसान नही है, जनता सब जानती हैं समझती हैं बस समय पर जवाब देती हैं …!
यह जनता हैं यह सब जानती हैं…!
चुनावी प्रचार का शोर जोरों से चलाया और नेता जी अपनी कार से हाँथ हिलाते हुए मंच पर पहुंचे गये, हर जगह बस एक आवाज़ गूंजी “नेता जी की जय हो, अपकी बार हमारी सरकार, “सफ़ेद कुर्ता, सदरी और पायजामा पहने नेता जी नें मंच से जनता को अपनी बातों के जाल में फसाना शुरू किया, “हमने आज तक जो भी किया है, केवल जनता और समाज की भलाई के लिए ही तो किया है, इसमें हमारा कोई स्वार्थ नहीं हैं, विपक्ष केवल हम पर आरोप लगाते हैं, अपनी बातों और हाथों से जिस प्रकार नेता जी लटके दे रहे थे, उससे वह नेता कम और कुशल अभिनेता जरूर लग रहे थे, रैलियों में अपनी हर काली करतूतों को छिपाने के लिए नेता जी “जनता सब जानती है” का जाल फेंकते है, पर कभी सोचा है कि जनता क्या-क्या जानती है…?
जनता से इनका रिश्ता तो खानदानी अफसाना है, हाँ वो बात अलग है काम निकलने के बाद नेता तो क्या अपने भी भूल जाया करते है और काम पड़ने पर तो गधे को भी बाप बनाना पड़ता है, यह बात देश की जनता ने सीखी हो या नहीं लेकिन नेताओं ने खूब अच्छी तरह से सीख ली है, चुनाव का माहौल आते ही नेताजी अपना जाल बिछाना शुरू कर देते है, ऐसे नेताओं के चुनावी विज्ञापन रंग जमाना शुरू कर देते हैं, बच्चों को सिखाया जाता हैं कि “एक दो तीन चार नेता जी की जय जयकार” “जब तक सूरज चांद रहेगा नेता जी का साथ रहेगा” “हमारे नेता कैसे हो भैया जी जैसा हो, इन सब के बाद भी सभी यह जानते हैं कि 5 साल पहले जिन सड़कों पर गड्ढे थे, नेता जी ने पूरा करने का वादा किया था और आज वो सड़के गड्डों पर है, नेता जी ने जो पैसे खर्च कर राष्ट्रीय चुनाव लड़ने के लिए तैयारी की है, उसकी भरपाई कहाँ से करेंगे ये भी जनता जानती है, जनता तो ये भी जानती है कि चुनावी समय पर जो नेताजी गुलाब के फूल की तरह खिल रहे है, वो जीतने के बाद 5 साल तक कैसे गूलर का फूल बने फिरते हैं, आज दिल्ली के चुनाव ने यह तय कर दिया की नेता जी सिर्फ आप ही दुनियाँदारी नही जानते है, यह दुनियाँ भी आपको जानती है, यह जनता बहुत होशियार है, यह सब जानती है…!
1: कौन खाता है…?
जनता सब जानती है…!
2: सफ़ेद कुर्ते पाजामें के अंदर सब काला है…?
जनता सब जानती है…!
3: भ्रष्टाचार और घोटाले कौन करता है…?
जनता सब जानती है…!
4: अपनी जेबें और बैंक कौन भरता है…?
जनता सब जानती है…!
Articles साभार: सिंघ सृष्टी