Articles: एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था…!
उस चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई, और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया, तथा नीचे लिख दिया कि, जिस किसी को जहाँ भी इसमें कँही कमी नजर आये, वह वहाँ निशान लगा दे, जब उसने शाम को तस्वीर देखी, तो उसकी पूरी तस्वीर लोगों के लगाये निशानों से ख़राब हो चुकी थी…!
यह देख वह बहुत दु:खी हुआ, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि अब क्या करे, वह दुःखी बैठा हुआ था…!
तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा, उसने उसके दुःखी होने का कारण पूछा, तो उसने उसे पूरी घटना बताई…!
उस मित्र ने कहा एक काम करो, कल वैसी है एक दूसरी तस्वीर बनाना, और उसमें लिखना कि जिस किसी इँसान को इस तस्वीर में जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये, वो उसे सही कर दे…!
उसने अगले दिन यही किया, शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी, तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ भी नहीं किया…!
वह संसार की रीति समझ गया…!
“कमी निकालना, निंदा करना, बुराई करना आसान है, लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है…!
यही जीवन का सत्य है…!
जब दुनियाँ यह कह्ती है कि “हार” मान लो, तो आशा धीरे से कान में कह्ती है, कि एक बार फिर “प्रयास” करो, और यह ठीक भी है…!
“जिंदगी” आईसक्रीम की तरह है,
“टेस्ट” करो तो भी “पिघलती” है,
“वेस्ट” करो तो भी “पिघलती” है,
इसलिए “जिंदगी” को “टेस्ट” करना सीखो,
“वेस्ट” तो हो ही रही है…!
जिंदगी बहुत ही ख़ूबसूरत है…!!!