!! 🚩श्रुतम्-1557🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी मंगलवार 11 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 17
महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 17
2025 में प्रयागराज में महाकुंभः
प्रयागराज, हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान में एक विशिष्ट रूप से पूजनीय स्थान रखता है, यह त्रिवेणी संगम का घर है, जो तीन नदियों का संगम है: गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी, इस संगम को दिव्य ऊर्जाओं का संगम माना जाता है, जो इसे महाकुंभ के लिए सर्वोत्तम शुभ स्थान बनाता है…!
त्रिवेणी संगम केवल एक भौगोलिक स्थल मात्र नहीं है: यह एक आध्यात्मिक केंद्र है, जहाँ पवित्र जल में स्नान करने से पापों का नाश होता है, आत्माओं को पुनर्जन्म के चक्र (संसारिक चक्र) से मुक्ति मिलती है एवं दिव्य आशीर्वाद मिलता है…!
प्रयागराज का प्राचीन शास्त्रों, पौराणिक कथाओं से जुड़ाव और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में इसकी भूमिका इस भव्य आयोजन के मेजबान के रूप में इसके महत्व को और बढ़ा देती है…!
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