!! 🚩श्रुतम्-1542🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी सोमवार 27 जनवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो …!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 2
महाकुंभ: आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 2
चार पवित्र स्थानों: हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन पर चक्रीय रूप से आयोजित होने वाला कुंभ मेला सत्य और मोक्ष की शाश्वत खोज का प्रतीक है, इन स्थानों को मनमाने ढंग से नहीं चुना जाता है, वे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और आकाशीय संरेखण से आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं, जो इन पर्वों को गहन आध्यात्मिक महत्त्व देते हैं, प्रत्येक स्थल नदियों या तीर्थ (तीर्थस्थल) के दिव्य संगम का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ सांसारिक और ब्रह्मांडीय ऊर्जाएँ एक दूसरे से मिलती हैं, जिससे एक अद्वितीय पवित्रता बनती है …!
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