NEWS: जयपुर में सांगानेर फ्लाईओवर का मॉडल डिजाइन कर फ्लाईओवर के नीचे की बेशकीमती जगह का सदुपयोग एवं उत्तम व्यवस्था का नमूना पेश करने में पूर्णिमा कॉलेज के आर्किटेक्चर छात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष कर मरुधर में धाकड़ी हाल मुकाम हैदराबाद निवासी होनहार छात्र श्री निलेश व्यास (सुपुत्र: श्री नंदकिशोर – श्रीमती आशा देवी व्यास) (सुपौत्र: स्व. श्री मोहनलाल जी-स्व. श्रीमती जमुना देवी व्यास),
भतीज: श्री चंद्रभान जी-किरण देवी एवं श्री राजेंद्र जी-प्रेमलता व्यास ने इस प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण योगदान दिया, पूर्व में भी निलेश व्यास द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट के लिए लोकसभा स्पीकर सरो ओमजी बिड़ला द्वारा निलेश व्यास को सम्मानित किया गया हैं, पूर्णिमा कॉलेज एवं जेडीए के डायरेक्टर अजय जी गर्ग ने निलेश व्यास को सम्मानित कर उनके सार्थक प्रयासों कि खूब सराहना की…!
सिखवाल समाचार परिवार की ओर से निलेश व्यास को सार्थक प्रयासों के लिए बहुत बहुत बधाई हार्दिक शुभकामनाएं…!
ऋषिराज महर्षि श्रृंग एवं माता शांता से प्रार्थना हैं की आप जीवन में यूंही नई ऊंचाइयों को हासिल करे, माता-पिता कुल-समाज का नाम रोशन कर मंडोरिया व्यास परिवार तथा समाज को गौरवान्वित करें…!!
दैनिक भास्कर
जयपुर सिटी भास्कर 26-02-2025
जयपुर बुधवार, 26 फरवरी, 2025
भास्कर स्मार्ट आइडिया: सिटी भास्कर की पहल पर पूर्णिमा कॉलेज के आर्किटेक्चर छात्रों ने सांगानेर फ्लाईओवर का मॉडल डिजाइन किया, फ्लाईओवर के नीचे की बेशकीमती जगह का हो सदुपयोग, लैंडस्कैपिंग के साथ बन सकते हैं प्ले जोन और कैफेटेरिया
सिटी रिपोर्टर: जयपुर
कभी 9 मील के घेरे में बसा जयपुर अब 100 मील से ज्यादा का आकार ले चुका है, ऐसे में ट्रैफिक समस्या तेजी से बढ़ रही है, बीते 5 साल में शहर में एक से दूसरी जगह जाने में दोगुने से भी ज्यादा समय लगने लगा है, इस दूरी को आसान बनाने के लिए तेजी से फ्लाईओवर, रेलवे ओवर ब्रिज और एलिवेटेड रोड बन रहे हैं, बीते साल करीब 8 से 10 नए फ्लाईओवर और आरओबी बनाने की घोषणा हुई, कुछ जगहों पर काम शुरू भी हो गया है।
सिटी रिपोर्टर ने इन जगहों के रखरखाव का जायजा लिया तो पाया कि सबसे ज्यादा बेशकीमती जगह का दुरुपयोग फ्लाईओवर और आरओबी के नीचे हो रहा है, मुंबई जैसे बड़े शहर में भी ब्रिज के नीचे गार्डन बनाए गए हैं, रायपुर में भी फ्लाईओवर के नीचे प्ले-गेम जोन बनाए गए हैं, जयपुर में 15 साल पहले गोपालपुरा पुलिया के नीचे प्रयास किए थे, लेकिन सफल नहीं हुए, आज फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण के साथ गंदगी, आवारा पशु, अनियोजित रैन बसेरे बन चुके हैं, सिटी भास्कर की पहल पर पूर्णिमा कॉलेज के आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट के करीब दर्जन भर फैकल्टी और स्टूडेंट्स की टीम ने सांगानेर पुलिया का जायजा लिया, इसके बाद इसके नीचे की जगह के बेहतर उपयोग के लिए थ्रीडी सॉफ्टवेयर पर डिजाइन तैयार किया, इसमें जगह के हिसाब से प्ले एरिया, सिटिंग स्पेश, कैफेटेरिया और लेंड स्कैपिंग की !
एक फ्लाईओवर के नीचे होती है करीब 300 मीटर तक बेशकीमती जगह,
जेडीए के इंजीनियर्स के मुताबिक फ्लाईओवर की लंबाई 700 से 900 मीटर होती है। इसमें दोनों तरफ करीब 300-300 मीटर तक पक्का निर्माण होता है इसके आगे की खाली जगह का उपयोग हो सकता है, वैसे सरकार ने इनके नीचे लाइटिंग की है, खासकर दुर्गापुरा एलिवेटेड रोड, अजमेर रोड और बाईस गोदाम पुलिया के नीचे, लेकिन अभी कई फ्लाईओवर और आरओबी क्षत-विक्षत स्थिति में हैं, खासकर गोपालपुरा, जयपुर डेयरी, सांगानेर, झोटवाड़ा, महारानी फार्म, खातीपुरा पुलिया…!
पीकॉक गार्डन बेहतर उदाहरण: मालवीय नगर जीटी आरओबी के नीचे 18 साल पहले ब्यूटीफिकेशन वर्क के प्रयास हुए थे, जब आरओबी के नीचे गारबेज के बीच आवारा पशुओं का जमघट रहता था, जेडीए के साथ प्लान करके आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने पीकॉक गार्डन बनाया, उसी समय गोपालपुरा बाईपास पुलिया के नीचे की जगह उपयोगी बनाने का प्लान दिया था।
कॉलेज टीम जिसने किया प्रयास: पूर्णिमा इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम ने सांगानेर पुलिया का खूबसूरत मॉडल बनाया। टीम में आर्किटेक्ट सुमीत राय, प्रो. मंजरी राय, आर्किटेक्वर नीति खन्ना, प्रोफेसर संदीप कुमार के साथ डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स नीलेश व्यास, कोमल सेवानी, लावण्या सक्सेना, प्रतिष्ठा घाटिया, रक्षी परवीन, मन्त्रू सैनी, गौरी खंडेलवाल, कार्तिकेय पंड्या और आशिता शामिल रहे।
स्टूडेंट का सार्थक प्रयास; जेडीए के डायरेक्टर इंजीनियर अजय गर्ग ने कहा कि सिटी भास्कर की पहल पर आर्किटेक्ट के स्टूडेंट ने सार्थक प्रयास किया है। कुछ जगहों पर पहले ब्यूटीफिकेशन भी हुआ है। बहुत से फ्लाईओवर नए बनने जा रहे हैं। हम इस पहल को बढ़ावा देंगे ताकि शहर सुंदर दिखे और लोगों के काम भी आएं।