BADHAYI :
गोकुल की गलियों में दौड़े किशन कन्हैया,
गोपियाँ हैं पीछे आगे किशन कन्हैया,
भर-भर कर गुलाल मारे, मोड़े हैं कलाई,
वृंदावन में रंग उड़े, कैसे गोपीकिशन की याद न आए…!
नीला गुलाबी हरा और लाल,
हर रंग कहे बस प्यार ही प्यार,
खुशियों की मिठास घुल जाएँ हर दिल में,
बनी रहे रंग पंचमी की छवि हर पल में…!
आप सभी को रंगोत्सव के पावन पर्व रंग पँचमी की हार्दिक बधाई ढेर सारी शुभकामनाएँ, ऋष्यराज एवँ माता शाँता आपके सभी सप्तरंगी सपनों को साकार करें, आपके व्यापार कारोबार में धन के रंगों की भरपूर बौछार करें, परस्पर प्रेम में रंगों की मीठी-मीठी फुहार करें, आक्रांताओं एवँ अनीतियों का संहार करें…!
👉 सुरेश कुमार व्यास “जानम”✍
सिखवाल समाचार®