बने 2 शुभ योग, लेकिन रहेगी भद्रा, जानें मुहूर्त, चंद्रोदय समय…,
DHARM: कार्तिकेय तिवारी
अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगी, संकष्टी चतुर्थी पर दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, लेकिन भद्रा भी लग रही है, व्रत में रात के समय चंद्रमा की पूजा करना जरूरी है, इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है, ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी कब है…?
संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त, चांद निकलने का समय और भद्रा काल क्या है…?
अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगी, वैशाख संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं, इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं, संकष्टी चतुर्थी के व्रत से लोगों के संकट दूर होते हैं, गणेश जी की कृपा से उनका जीवन सुखमय होता है, इस बार अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी पर दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, लेकिन भद्रा भी लग रही है, जो स्वर्ग में वास करेगी, इस व्रत में रात के समय चंद्रमा की पूजा करना जरूरी है, इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है, उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी कब है…?
संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त, चांद निकलने का समय और भद्रा काल क्या है…?
अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 तारीख…,
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल दिन बुधवार को दोहपर 1 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी, इस तिथि का समापन 17 अप्रैल दिन गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा, ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, अप्रैल का संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 अप्रैल को रखा जाएगा…!
अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त…,
जो लोग संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखेंगे, वे ब्रह्म मुहूर्त 04:26 ए एम से 05:10 ए एम के बीच स्नान कर लें, उसके बाद व्रत और गणेश जी की पूजा का संकल्प लें, सूर्योदय के बाद विधि विधान से पूजा करें, उस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है, विजय मुहूर्त 02:30 पी एम से 03:21 पी एम और अमृत काल 06:20 पी एम से 08:06 पी एम तक है…!
2 शुभ योग में अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025…,
अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं, संकष्टी चतुर्थी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बनेंगे, सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल सिद्ध होंगे, वैसे ही अमृत सिद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है…!
अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 चंद्रोदय समय…,
संकष्टी चतुर्थी को चंद्रमा की पूजा करना अनिवार्य है, तभी आपका व्रत पूर्ण होगा, संकष्टी चतुर्थी को चांद निकलने का समय रात 10:00 बजे है, चांद के निकलने पर दूध, पानी और सफेद फूल से अर्घ्य देना चाहिए…!
अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 भद्रा का समय…,
संकष्टी चतुर्थी को भद्रा भी लग रही है, उस दिन भद्रा सुबह में 05 बजकर 55 मिनट से दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, इस भद्रा का वास स्वर्ग लोक में है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होगा, ऐसे में आप कोई भी कार्य कर सकते हैं, उसके लिए आपको पंचांग देखने की जरूरत नहीं है…!
गणेशजी के 12 नाम गणेशजी की पूजा करने के बाद गणेश जी के 12 नाम बोले,
- 1. ऊँ सुमुखाय नम:
- 2. ऊँ एकदन्ताय नम:
- 3.ऊँ कपिलाय नम:
- 4. ऊँ गजकर्णकाय नम:
- 5. ऊँ लम्बोदराय नम:
- 6. ऊँ विकटाय नम:
- 7. ऊँ विघ्ननाशाय नम:
- 8. ऊँ विनायकाय नम:
- 9. ऊँ धूम्रकेतवे नम:
- 10. ऊँ गणाध्यक्षाय नम:
- 11. ऊँ भालचन्द्राय नम:
- 12. ऊँ गजाननाय नम: