!! 🚩श्रुतम्-1550🚩 !!
युगाब्द ५१२६ वि.सं २०८१ माघ मास शुक्ल पक्ष सप्तमी मंगलवार 4 फरवरी 2025 आज का दिन आप सभी के लिए सुखमय मंगलमय हो…!🕉
भारत की महान् सांस्कृतिक परंपराएं एवं विरासत – 10
महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा – 10
प्रयागराजः तीन नदियों का पवित्र संगम…!
प्रयागराज जिसे मुगलकाल के बाद से इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारत के आध्यात्मिक परिदृश्य में एक अद्वितीय और बेमिसाल स्थान रखता है, यह गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है, एक जंक्शन जिसे “त्रिवेणी संगम” के रूप में जाना जाता है, इस संगम को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है, जो भौतिक और रहस्यमय दिव्य ऊर्जाओं के मिलन का प्रतीक है…!
प्रयागराज में कुंभ मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी संगम में स्नान करने से न केवल पाप धुल जाते हैं, बल्कि व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में भी तेजी आती है…!
महाकुंभ जो हर 144 साल में एक बार होता है, विशेष रूप से यहीं आयोजित किया जाता है, जो इस पवित्र स्थल के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाता है…!
प्रयागराज महाभारत और रामायण सहित कई हिंदू महाकाव्यों से भी जुड़ा हुआ है, जो इसकी पौराणिक विरासत को और समृद्ध करता है…!
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